नई पुस्तकें >> गणित से कर लो दोस्ती गणित से कर लो दोस्तीराजेश कुमार ठाकुर
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सवाल है — या गणित वास्तव में अरुचिकर है ? शायद नहीं। यदि ऐसा होता तो गॉस गणित को ‘सभी विषयों की रानी’ कहकर संबोधित नहीं करते। रामानुजन इसके दीवाने नहीं बनते। गणित के प्रति अरुचि का कारण सीधा है। बच्चे इस विषय के साथ जुड़ पाने में असमर्थ हैं, उन्हें इसकी पूर्ण उपयोगिता और महा से अवगत कराने की जिम्मेदारी कोई निभा नहीं रहा है, नहीं तो आर्यभट्ट, भास्कर, रामानुजन की इस धरती पर आज गणित की जय-जयकार हो रही होती।
प्रस्तुत पुस्तक में गणित की इसी कठिनाई को दूर करने का एक प्रयास किया गया है। यह पुस्तक वैदिक गणित के सिद्धांतों के साथ-साथ कई ऐसी बातें अपने आप में सँजोए हुए है, जो गणना को सरल करने में कारगर साबित होंगी।
इस पुस्तक की सबसे बड़ी खूबी एक अभिनव प्रयोग है, जिससे आप जमा, घटा बाईं ओर तथा दाईं ओर से आसानी से कर पाएँगे। इन सबके लिए आपको किसी सूत्र को याद रखने की आवश्यकता भी नहीं है।
पुस्तक की भाषा इतनी सरल है कि आप इसे खुद ही सीखकर आसानी से गणित में दक्षता हासिल कर सकते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में गणित की इसी कठिनाई को दूर करने का एक प्रयास किया गया है। यह पुस्तक वैदिक गणित के सिद्धांतों के साथ-साथ कई ऐसी बातें अपने आप में सँजोए हुए है, जो गणना को सरल करने में कारगर साबित होंगी।
इस पुस्तक की सबसे बड़ी खूबी एक अभिनव प्रयोग है, जिससे आप जमा, घटा बाईं ओर तथा दाईं ओर से आसानी से कर पाएँगे। इन सबके लिए आपको किसी सूत्र को याद रखने की आवश्यकता भी नहीं है।
पुस्तक की भाषा इतनी सरल है कि आप इसे खुद ही सीखकर आसानी से गणित में दक्षता हासिल कर सकते हैं।
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